लक्ष्मीनारायण धाकड और राजू ने हजारों युवाओं को फसाया करोड़ों के सपने दिखाकर लाखों डूबा दिए कंपनी के ऑफिस में ताला पुलिस जुटी छानबीन में जल्द होगी एफआईआर
कोलारस। गांव के लोग गंवार होते हैं, इस कहावत को 2 देहाती युवा लक्ष्मीनारायण धाकड़ और राजू धाकड ने गलत साबित कर दिखाया। लक्ष्मी ने लक्ष्मी पति बनाने का लालच देकर कोलारस शहरी क्षेत्र के हजारों लोगों को अपनी फर्जी जीटी कंपनी के जाल में फंसाया और उनके करोडों रूपये जमा कराकर अब दोनों कर्ताधर्ता पूरे परिद्रश्य से गायब हैं। फर्जी जीटी कंपनी के जाल में फंसे लोगों में कई वुद्विजीवी, पढे-लिखे, व्यापारी, अधिकारी, कर्मचारी व राजनैतिक लोग भी शामिल हैं। जो कि कम समय में करोडपति बनने के लालच में अपनी जमापूंजी फंसा बैठे और अब वो सभी लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। बस अब सभी पीडितों की उम्मीद की किरण आने वाले बुधवार पर टिकी हुई है। जिसमें कंपनी के कर्ताधर्ता लक्ष्मीनारायण धाकड व राजू धाकड उन्हें पैसा वापस करने का आश्वासन दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार करोडों रूपये के इस फर्जीवाडे की शुरूआत इसी वर्ष हुई थी। इस तथाकथित जीटी कंपनी का कोलारस में रेलवे स्टेशन रोड पर और नजदीकी कस्बे लुकवासा में कार्यालय भी खोले गए थे। इस दोनों ही कार्यालयों के उद्वघाटन में लोगों को निवेश के लिए अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए क्षेत्र के कुछ प्रतिष्ठित राजनेताओं को भी बुलाया गया था। कार्यालय खुलने के बाद जीटी कंपनी ने अपना प्रभाव जमाने के लिए कुछ सेमिनारों का आयोजन भी कराया। जिसमें कंपनी की उपलब्धियों को बताते हुए लोगों से कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लिए प्रेरित भी किया गया। कार्यालय खुलने और सेमिनारों के बाद लोगों का इस तथाकथित जीटी कंपनी के झांसे में आना शुरू हो गया। जीटी कंपनी ने अपनी पहचान बनाने के लिए शुरूआती दौर में कुछ लोगों को निवेश पर अपने वादे के मुताबिक ज्यादा पैसा वापस भी किया, जिससे अन्य लोग भी इस तथाकथित कंपनी से जुडते चले गए। जब कंपनी का टर्नऑवर करोडों में पहुंच गया तो फिर लोगों के बैंक खातों में कंपनी की तरफ से पैसा आना बंद हो गया। इससे लोगों को संदेह हुआ और मामला शोसल मीडिया पर भी गर्मा गया। करोडों रूपये के इस फर्जीवाडे की खबर कोलारस पुलिस थाने की दहलीज पर भी पहुंची लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए फिल्हाल अभी हमारे पास में कोई लिखित में शिकायत नहीं आई है। बावजूद इसके बडे पैमाने पर हुए इस घोटाले को शोसल साईड के जरिए कोलारस पुलिस ने स्वत: ही संज्ञान लेते हुए जीटी कंपनी के कर्ताधर्ता लक्ष्मीनारायण धाकड और राजू धाकड को दबोचकर थाने लाया गया। जहां दोनों से विस्तार पूछताछ की गई और जीटी कंपनी की वैधता और सत्यता के विषय में प्रमाण मांगे गए। इसके अलावा दोनों तथाकथित ठगों के मोबाईल और लैपटॉप भी चैक किए गए। पूछताछ के दौरान दोनों संदेही पुलिस को संतोषजनक जबाव प्रस्तुत नहीं कर सके। साथ ही कंपनी की वैधता के विषय में प्रमाणित दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं करा सके। इसके लिए उन्होनें पुलिस से कुछ दिन का समय मांगा। इधर कोलारस टीआई रवि चौहान का कहना है कि जैसे ही इस मामले में हमे कोई लिखित में शिकायत प्राप्त होती है तो तथाकथित कंपनी और उसके संचालकों के खिलाफ उचित वैधानिक कार्रवाई करेगें। इधर जीटी कंपनी के कोलारस और लुकवासा कार्यालयों में तालाबंदी के बाद निवेशकों में हडकंप का माहौल व्याप्त है। क्योकिं उन्हें अपना गाडी कमाई का पैसा डूबता हुआ नजर आ रहा है। इसके साथ में वो मकान मालिक भी घबराए हुए हैं जिनके मकानों में जीटी कंपनी के कार्यालयों को खोला गया था। मकान मालिकों ने भी कंपनी के कर्ताधर्ताओं को अपना कार्यालय हटाने के लिए बोल दिया है। हालाकिं कंपनी के तथाकथित कर्ताधर्ता बुधवार को पैसा वापस करने का भरोसा तो दे रहे हैं लेकिन लोगों को संदेह इस बात का है कि लक्ष्मीनारायण धाकड और राजू धाकड किसी भी निवेशक का फोन रिसिव नहीं कर रहे हैं। वहीं बार-बार अपने मोबाइलों को भी स्विच ऑफ कर रहे हैं।

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